CSR

मृत्युंजय :

[ पंजीकरण क्रमांक : 201701024007207 ]

Blood Relation || खून का रिश्ता ||

हमारा देश 15 अगस्त 1947 को जब आज़ाद हुआ, अगर उस समय इस ख़ून के रिश्ते पर काम किया गया होता तो शायद आज हमारे देश में साम्प्रदायिक दंगों को रोका जा सकता था। इन 70 सालों में देश के करोड़ों इंसानों ने एक दूसरे को ख़ून दिया है जो ये भी दर्शाता है कि ये ख़ून एक मजहब से दूसरे मजहब में ज़रूर गया है पर जानकारी का अभाव होने के कारण हम एक नहीं हो सके और शायद अब हम इस ख़ून के रिश्ते को सबसे बड़ा मजहब बनाके देश में अमन और चैन का माहोल बना सकें।

!! दुनिया के दो बड़े भगवान एक ख़ून का रिश्ता दूसरा इंसान !!

हज़ार रिश्ते होते होंगे इंसान के, पर वक्त आने पर काम कुछ ही आते हैं | उन कुछ में से कभी - कभी कुछ ऐसे भी होते है जो शायद एक दूसरे को जानते भी नहीं, कभी देखा भी नहीं | ये बात है उस "खून के रिश्ते" की जो कोई अपनी रंगों से निकाल कर दे जाता किसी और की रंगो को बेहतर जिंदगी देने को |

मृत्युंजय की कोशिश हैं की ये खून का रिश्ता बनता जाये, बढ़ता जाये, जाति और धर्म से ऊपर उठकर, इंसानियत का मज़हब बने | जिसका खून किसी के जिस्म में बहता हो वो जाने कि उसका खून किसको गया | उसके लहू का वो कतरा कैसे किसी को जिंदगी दे गया, वो जाने की उसका "खून का रिश्ता" अब किससे हैं| ऐसे ही हमारा भारत देश शायद एक परिवार बन जाये, यही मृत्युंजय का प्रयास है |

|| Beggar's (Beggars’ should be Prohibited)||

" साईं इतना दीजिये, जा में कुटुंब समाये "
मैं भी भूखा ना रहूँ, साधु भी भूखा ना जाये ||

लेकिन भारत के हर एक इंसान के पास ये कहने का हक़ नहीं हैं |

देश की व्यवस्था कुछ ऐसी है कि किसी को सुबह शाम खाने को भीख मांगनी पड़ती है | जो आने वाले किसी भी अतिथि को यही बताता है कि भारत गरीबों का देश हैं जो कि गलत हैं |

मृत्युंजय की कोशिश हैं कि कोई भी भिखारी होने से पहले सोचे की क्या वाकई भिखारी बनना है या उसके पास कुछ और बेहतर हैं करने को | मृत्युंजय की कोशिश हैं कि इनमें कौशल का विकास हो, सही काम मिल सके, किसी का परिवार चल सके |

वो लोग जो किसी कारण से " भिखारी " हैं उनको सही मार्गदर्शन दे कर सही जीवन मूल्य समझाकर, उनको कार्यशील बनाया जाये ताकि वो अपने साथ साथ, समाज और देश के विकास में हिस्सा दें |

|| Organ Donation (अंगदान) ||

कभी इंसान ने ख्वाहिश की थी कि मृत्यु पर विजय प्राप्त कर लूँ, ना जाने कब से इंसान कि हसरत रही होगी की मौत से जीत जाऊं ! तब शायद उसे ज्ञान नहीं था, तब ना अधिकार था ना ही वो तकनीक जिसे ये किया जा सके |

पर आज है, आज अगर इंसान चाहे तो किसी को जीवन दान दे सकता है, आज अगर वो चाहे तो एक मरणासन्न देह को पूर्ण - जीवित कर सकता है क्योंकि आज विज्ञान मानव के साथ है |

मृत्युंजय एक ऐसा कदम है जो जीवन देने कि क्षमता रखता है | एक ऐसी पहल है जो किसी के परिवार को वो खुशियां दे सकती है जो दुनिया भर के पैसे ना दे पाये |या यूँ कहें तो-

किसी को हंसी दे दूँ, वक्त से परे ही सही
मैं नहीं हूँ तो भी हूँ, मुझमे न सही, तुम में ही सही

ये एक प्रयास है, केवल जिंदगी देने का ही नहीं, बल्कि इंसान को इंसान से मिलाने का, इंसान को इंसानियत दिखाने का, ताकि कोई जान ना जाये पैसो की कमी से, कोई परिवार ना टूटे, लचर व्यवस्था की वजह से, कोई आँख ना रोये बेबसी के आँसू |

हिम्मत - ए - मर्दा, मदद - ए - खुदा,
और अगर तू है सबसे जुदा तो रहमत करेगा तुझपे खुदा

आमीन!!

"खुश रहो और खुश रखो"

राज बादशाह
( Heart's Power)

The Mission Mrityunjay :

[ Registration No. : 201701024007207 ]

Blood Relation (Blood Relation)

If our country was liberated on August 15, 1947, if the blood relations had been worked on that time then perhaps in our country, communal riots could have been stopped today. In these 70 years, millions of human beings have sacrificed their blood for each other, which also shows that this blood has gone from one religion to another religion, but due to the absence of information, we could not be one and maybe we now have the blood relation that Can make the relationship of peace and prosperity in the country by making this the biggest religion of the nation.

!! Two big Gods of the world a blood relation second person !!

Though we human’s have thousand of relations but at the need of time we are left with some. Within those relations also there are few who have never ever met each other.

We are Talking about those relations who give their blood to make someone’s life better, then there is no castism, no religion Matters.

With the Mission Mrityunjay we are trying that this blood relation will remain forever which embraces with humanity. There should be transparency like who is donating to whom, how your small contribution can make someone’s life lively and can make them judge their actual blood relations.

By following this we can make our universe a family. That’s the main motive of our mission Mrityunjay.

Beggars’ should be Prohibited
“Sai Itna Dijiye jaa main Kutumb Samay”
"Main bhi bhukha na rahun saadhu bhi bhukha na jaaye”

But in india a lot of population don’t have the rights to say this. In today’s scenario there are people around the world who have to bag for their daily need food, which gives a negative impact to every tourist who are coming to India, it reflects in front of them that India is a poor Country which is not true.

By Our Mission Mrityunjay every bagger should think before begging that is this the only way to survive Or they can do something to make their life better. By Coming with our Mission Mrityunjay we will develop skill and give them a right direction so that they can develop their mind and give their support in making our country a developing nation.

“Win Over Death” (Organ Donation)

Every Human Being once in their life has this desire to win over death, to live the life without having fear of death, but that time they doesn’t have the knowledge, the Rights and the techniques through which they can Triumph over Death.

But Today if a human wants to save someone’s life then he is having options of saving a life & giving them a re-birth because today’s science has became a essential part of everyone’s life.

Mrityunjay is a initiative which have the capability of giving someone a life which can give that happiness which is incomparable to any of the precious thing in the world.

Kisi ko Hasi de du, Waqt se pare sahi
Main nahi hun to Bhi main hu, Mujhme na sahi, Tum mein he sahi

It’s a effort that will not only give life but will also teach humanity which will make the world one for all and all for one. With this mission Mrityunjay we will not let anyone’s life suffer due to the lack of money, no one’s family gets destroyed because of poverty and no eyes will remain teary.

Himmat - Aey - Marda, Madad - Aey - Khuda,
Aur agar Tu Hai To Rahamat Karega Tujhpe Khuda

Aameen!!

"Khush Raho Aur Khush Rakho"

Raj Badshah
( Heart's Power)